कहानी रहस्य और थ्रिलर से भरी है। यह कहानी दलजीत (राहुल के दोस्त) की सड़क दुर्घटना से शुरू होती है। राहुल उसके अंतिम संस्कार में शामिल होता है और अपने प्रिय मित्र की मृत्यु राज जानने की कोशिश कर रहा होता है, क्योंकि वह जानता है कि उसका दोस्त कार ड्राइविंग में कभी फेल नहीं हुआ तो आज कैसे।
अपने नियमित कर्तव्यों से लड़ते हुए, राहुल हमेशा अपने दोस्त की मौत के बीच की सच्चाई को खोजने की कोशिश करता है। इस घटना के साथ, अचानक उसके बचपन के दोस्त प्रतीक का निधन हो जाता है। वह समझ नहीं पता है कि ये सब क्यों हो रहा है और कौन कर रहा है। थोड़ी आशंका होती है, इसलिए वह खुद से वादा करता है कि वह निश्चित रूप से इस राज से पर्दा उठा कर ही दम लेगा। इसी बीच उसके बचपन के दोस्त वसीम से मुलाकात होती है और वह भी इसके मदद करने में जूट जाता है।
खैर, इस खूबसूरत कहानी में किसी को बेकार कहना मुश्किल है, यह संक्षिप्त बातचीत के वार्तालापों के आधार पर लिखी गई है। पर लेखक ने सभी पात्रों को सही औचित्य देते हुए कहानी प्रस्तुत करने की कोशिश की है और अपने सर्वोत्तम प्रयास में सफल रहे हैं। लेखक प्रत्येक दृश्य को पूर्ण न्याय देने की कोशिश की है, जो पढ़ने में दिलचस्प होती है।