यूनिकोड के आने के बाद इन फ़ॉन्ट में पहले से तैयार हो चुके हिन्दी साहित्य को यूनिकोड में बदलने की समस्या सामने आई और इसके लिए समाधान बने फ़ॉन्ट कन्वर्टर जो एक तकनीकी प्रक्रिया के जरिए ट्रू–टाइप फ़ॉन्ट में लिखे पाठ को पलक झपकते यूनिकोड में बदल देते हैं। इस तरह से यूनिकोड के पूर्व के हिन्दी साहित्य को फिर से टाइप किए बिना आधुनिक रूप दिया जा सका।
ऑफ़लाइन: टीबीआईएल डेटा कन्वर्टर, फ़ॉन्टसुविधा, यूनिदेव, प्रखर, ई-पण्डित कन्वर्टर, वैज्ञानिक एवं तकनीकी हिन्दी समूह