तुलसी सूर रसखान कबीर की भाषा
हिन्द के साहित्यकारों की प्रेम भाषा
गद्य पद्य और सुलेख की भाषा
हमें हमारी जड़ों से जोड़ती यह भाषा
सहज स्वभाव भारतीय ज्ञान विज्ञान की भाषा
हिन्दी हिन्द की संस्कृति और संस्कार की भाषा
संस्कृत से गहरा रिश्ता निभाती है यह भाषा
यूं ही हिन्दी केवल हमारा संप्रेषण माध्यम ही नहीं ,