Hindi Essay On Diwali : दीपावली पर आदर्श निबंध हिंदी में
Happy Diwali 2022
प्रस्तावना- प्रत्येक समाज त्योहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं। इनमें से दीपावली सबसे प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार का ध्यान आते ही मन-मयूर नाच उठता है। यह त्योहार दीपों का पर्व होने से हम सभी का मन आलोकित करता है।
दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है- विजयादशमी या दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली पर्व (Deepawali) की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर पर की जाती है। यह त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।
कहते हैं भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध भी इसी दिन किया था। यह दिन भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी है। इन सभी कारणों से हम दीपावली का त्योहार मनाते हैं।
तैयारियां- यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों की साफ-सफाई, रंग-रोगन, साज-सज्जा या सजावट प्रारंभ हो जाती है। नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं। वर्षा के बाद की गंदगी भव्य आकर्षण, सफाई और स्वच्छता में बदल जाती है। लक्ष्मी जी के आगमन में हर घर में चमक-दमक की जाती है।
पर्व और उत्सव- यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है। धनतेरस के दिन व्यापार अपने बहीखाते नए बनाते हैं। अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है।
अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं। फुलझड़ी, पटाखे छोड़े जाते हैं। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को मोह लेती हैं। दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। अगला दिन परस्पर भेंट का दिन होता है। एक-दूसरे के गले लग कर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं।
उपसंहार- दीपावली का त्योहार सभी को खुशी तथा नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं, जो घर व समाज के लिए बड़ी बुरी बात है। हमें इस बुराई से बचना चाहिए। पटाखे सावधानीपूर्वक छोड़ने चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी कार्य एवं व्यवहार से किसी को भी दुख न पहुंचे। साथ ही हमारे आसपास रहने वालों के घर भी हमारे कारण कुछ परेशानियां न हो इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, तभी हम दीपावली के उत्सव और त्योहार भरपूर मजा ले पाएंगे।