काफी देर रात घर लौटे शराबी प्रेमसुख ने अपनी पत्नी की डांट से बचने के लिए बिस्तर के पास ही पड़ी एक बड़ी-सी किताब खोलकर पढ़ना शुरू कर दी। पत्नी बोली - आज फिर टुन्न होकर आए हो क्या? नशे में धुत प्रेमसुख बोला- नहीं तो...! आज तो मैं शराबखाने की तरह गया ही नहीं। पत्नी - तो फिर....! यह सूटकेस खोलकर क्या बड़बड़ा रहे हो?