आज पड़ोसन सुबह-सुबह हमारी पत्नी से कह रही थी कोरोना की पहली लहर में ये झाड़ू, पोंछा, बर्तन, कपड़ा सब सीख गए
दूसरी लहर में पूरा खाना बनाना सीख गए
बस, अब तीसरी लहर का रास्ता देख रही हूं उसमें ये बड़ी, पापड़, अचार आदि भी सीख जाएं तो इनका कोर्स पूरा हो जाएगा