एक घर से पति-पत्नी के हंसने की कुछ ज्यादा ही आवाजें आती रहती थीं। मोहल्ले के कई लोग एकत्र होकर उनके यहां खुशहाली का राज जानने पहुंचे।
मोहल्ले वालों की जिज्ञासा को शांत करते हुए पति बोला- बहुत सरल है, हमारे यहां मेरी बीबी बेलन, चिमटा आदि फेंककर मारती है। हम लट्ठमार होली खेलते हैं...! अगर मुझे लग जाता है तो वो हंसती और नहीं लगता है तो मैं हंसता हूं।
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होली के चटपटे जोक्स : मेहबूबा मेहबूबा
योगा स्वामी दामदेव को गाने गाने का बेहद शौक था।
चाहे जब अल्हड़-फक्खड़ होकर बेसुरी आवाज में गाने लगते।
होली की तरंग में, कुछ-कुछ रंग में और कुछ-कुछ भंग में चले जा रहे थे गाते हुए -'मेहबूबा मेहबूबा ..... '
छपाक!!! एक नाले में गिर गए...
अब उनकी कांपती आवाज आ रही थी....मैं डूबा, मैं डूबा....।
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होली का फंकी चुटकुला : संडे इज ए 'होली डे...'
झक्की हर संडे को होली खेलता था। मंकी ने पूछा- ओए, तेनू हर संडे को होली क्यों सूझती है?