इधर कसम खाई उधर शराब बिकनी शुरू।
अब दोनों पड़े असमंजस में, करें तो क्या करें??
एक ने सलाह दी कि
"पीने की कसम खाई है वाइन शॉप पर जाने की तो नहीं.."
आखिर दोनों वाईन शॉप पर गए, बोतल ली, घर पर लाकर बैठ गए।
अब लत और जोर मारने लगी, तो दूसरा बोला कि
"भाई, पीने की कसम खाई हैं, बोतल खोलने की तो नहीं.."
फिर एक बोला कि
"भाई पीने की कसम खाई हैं, जाम बनाने की तो नहीं।"
लॉजिक जंच गई शराब डाली गई।
दो पटियाला पैग बनाये गए।
अब दोनों मायूस, कसम के हाथों मजबूर।
जामों को देखते हुए बैठे रहे।
समय बीतता रहा बीतता रहा।
नशा बड़े बड़ों को गुलाम बना लेता हैं।
पर ये दोनों पक्के थे, कसम ली तो तोड़ नहीं सकते थे..!
ये कहकर दोनों ने जाम उठाए और एक दूसरे को पिला दिए।
अब आप ही बताइए, कसम टूटी या नहीं?....