दोस्त - क्यों भई, आजकल शायरी नहीं लिख रहा है?
दूसरा दोस्त - नी रे भई, जिका वास्ते लिखतो थो, ओको ब्याव हुई गयो है...
दोस्त- फिर या तो और भी अच्छी बात है। विरह रस में तो शायरी और भी अच्छी लगेगी।
दूसरा दोस्त - तू नी समजेगो यार, उको ब्याव म्हार से ई हुओ है... .