उन्होंने प्लान किया कि वो
एक बार शादी से पहले के दिनों की तरह
छुप कर नदी किनारे मिलेंगे...
दादा तैयार होकर, बांके स्टाइल वाले बाल संवार कर,
लंबी टहनी वाला खूबसूरत लाल गुलाब हाथ में लेकर
नदी किनारे की पुरानी जगह पहुंच गए|। उनका उत्सुक इंतज़ार शुरू हो गया।
ताज़ी ठंडी हवा बहुत रोमांटिक लग रही थी।.
एक घंटा गुजरा, दूसरा भी, यहां तक कि तीसरा भी,
पर दादी दूर-दूर तक नहीं दिखी।
दादा अपना सेलफोन भी नहीं ले गये थे