भारी बारिश का चुटीला चुटकुला : दरवाजे और खिड़कियां फूले नहीं समा रहे हैं

इतनी बारिश से किसी को खुशी हुई हो या ना हुई हो                      
 पर 
लकड़ी के दरवाजे और खिड़कियां फूले नहीं समा रहे हैं
और दीवारों की आंखें नम हो गईं। पक्की छतों से तो खुशी के आंसू टपक रहे हैं।

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