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5 अप्रैल को कटिहार टू कैनेडी : द रोडलेस ट्रैवेल्ड पुस्तक लोकार्पण के उपरांत एक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा जिसका विषय है- 'भारत में जमीनी विकास : नई सहस्राब्दी की कथा'। परिचर्चा में भाग लेंगे- लेखक एवं राजनीतिज्ञ पवन कुमार वर्मा, रचनाकार एवं पटकथा लेखक अद्वैता काला, शिव नादर स्कूल की प्राचार्य शशि बनर्जी एवं जनसमुदाय की प्रतिनिधि कारी-बेन। परिचर्चा का संचालन सौम्या कुलश्रेष्ठ करेंगी।
पुस्तक का विवरण
'कटिहार टू कैनेडी : द रोड लेस ट्रैवेल्ड' एक आम व्यक्ति की विशिष्ट यात्रा की कहानी है, जहां वह अपने संघर्ष और अथक परिश्रम के बल पर बिहार के छोटे से शहर कटिहार से निकलकर कैनेडी तक की यात्रा करता है। यह आत्मकथा एक व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य विकास की कथा है, जहां अपनी गलतियों से सीखते हुए वह आगे बढ़ता जाता है और अपनी प्रतिभा और जज्बे के दम पर कैम्ब्रिज के हॉर्वर्ड कैनेडी स्कूल में दाखिला ले पाने में सफल होता है।
इस पुस्तक में एक व्यक्ति की अंतरयात्रा, उसका मनोविज्ञान, उसके जीवन के हार-जीत के क्षण इस तरह वर्णित किए गए हैं कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की कथा नहीं रह जाती बल्कि उन सभी व्यक्तियों की कथा बन जाती है, जो सीमित संसाधनों और अभावों के बीच भी निरंतर खुद को परिष्कृत करते रहते हैं और अंतत: अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं तथा स्वयं के साथ-साथ समाज के वंचित समूह के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध होते हैं।
(लेखक वर्तमान में 'द लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशियन इंस्टीट्यूट, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी' के भारतीय निदेशक हैं।)