14 नवंबर जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। चूंकि नेहरू जी ने अपने जन्मदिवस को बच्चों के प्रति प्रेम के रूप में समर्पित किया है, तो बच्चों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बातें होना बेहद जरूरी है, तभी तो बाल दिवस सार्थक सिद्ध होगा।
वैसे तो हर माता पिता अपने बच्चों की चिंता और सुनहरे भविष्य की कल्पना करते हैं। विद्यालय भी बच्चों की प्रतिभा को पहचानकर उसे तराशकर निखारने का पूरा प्रयत्न करते हैं। फिर आखिर क्यों कई बार माता-पिता या प्रियजन बच्चों के प्रदर्शन या क्षमताओं से संतुष्ट नहीं होते।
हम केवल बच्चों की सक्षमता व अक्षमता की बात नहीं कर रहे बल्कि अपनी उन कमियों के बारे में भी विचार कर रहे हैं, जो कई बार बच्चों को आगे बढ़ाने के बजाए, उनके अपने स्तर विशेष से भी पीछे धकेल देती है। कई बार अपेक्षा और इच्छाओं का दबाव बच्चों पर आपके प्रेम का दबाकर अपना वर्चस्व बना लेता है, और वे उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। हमेशा नहीं लेकिन कभी-कभी ऐसा जरूर होता है। जबकि होना इसका उल्टा चाहिए।
दरअसल बच्चा कोई भी हो, हमेशा प्रेम के भाव का भूखा होता है। उसके नाजुक कंधे आपकी अपेक्षा और इच्छाओं के बोझ को नहीं उठा पाते, लेकिन हां प्रेम की पुचकार में लपेटकर आप वही इच्छा उसके सामने परोसेंगे, तो वह घी और नमक में लपेटी गई रोटी की तरह उसे जरूर खा लेंगे। और तो और अपेक्षा से शायद दुगुना भी प्रदर्शन कर दें।
आपको उन्हें अपने तरीके से नहीं बल्कि उनके तरीके से समझाना होगा, क्योंकि वे समझते नहीं बल्कि महसूस कर पाते हैं...आपके भावों को। उनके द्वारा किया गया बेहतर प्रदर्शन या किसी परीक्षा में लाए गए अच्छे परिणाम आपके स्नेह का नतीजा हो सकता है लेकिन दबाव का कभी नहीं। बच्चों को हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने का उत्साह तब होता है, जब वे यह महसूस करते हैं कि उन्हें प्रेम या स्नेह करने वाला व्यक्ति यानि आप उसकी इस सफलता से बहुत खुश होंगे। और आपके स्नेह के बदले वह आपकी खुशी के लिए खुले दिल से बेहतर प्रदर्शन करता है। अपेक्षा के बोझ तले वह अपनी काबिलियत का उतना उपयोग शायद न कर पाए, जितना आपके प्रेम की छांव में कर सके।
बच्चों पर आपकी अपेक्षाओं के बजाए उन बातों का ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनमें आप उन पर भरोसा करते हैं। जब आप उन्हें यह विश्वास दिला देते हैं कि आपके लिए वह सर्वश्रेष्ठ है, और वह अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन करता है। उसमें अपार संभावनाएं है और वह अपनी योग्यता के अनुसार उन्हें और बेहतर बनाता है। वह हर बार कुछ नया सीखता है और उसे अमल में लाता है। वह मेहनती है और हमेशा लगन से अपना कार्य करता है। आपकी इन बातों का असर बच्चे पर जादू सा होता है। ऐसे में वह आपकी हर अपेक्षा पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करता है, और चाहता है कि आप उस पर अधिक गर्व महसूस करें।