इंदु पाराशर की तीन पुस्तकों का लोकार्पण

WD Feature Desk

बुधवार, 16 अप्रैल 2025 (09:32 IST)
वामा साहित्य मंच के तत्वावधान में इंदु पाराशर की तीन पुस्तकों ‘मन के मोती’, ‘सुनो कहानी’ व ‘यातायात' के नियम’ का लोकार्पण श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में किया गया। आरंभ में संस्था की अध्यक्ष ज्योति जैन ने शब्द पुष्पों से सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए लेखिका के रचना कर्म की सराहना की।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने लेखिका की रचनाधर्मिता को चिन्हित करते हुए बताया कि छंद बच्चों को याद रहते हैं। इंदु जी ने बाल साहित्य में यही नवाचार किया है उन्होंने विज्ञान जैसे विषय एवं कहानियों को कविता में रच दिया है। पंचतंत्र की कथाएं, यातायात के नियम उन्होंने सरल बाल कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किए हैं।
 
विशेष अतिथि राजेश अवस्थी ने कहा कि-विज्ञान को लेकर जो भय रहता है उसे रोचकता के साथ लेखिका ने दूर करने का प्रयास किया है और वे इसमें सफल भी हुई हैं।
 
तीनों पुस्तकों की चर्चाकार के रूप में नीलम तोलानी ने लेखिका की रचनाओं में हिन्दू धर्म में वर्णित चारों आश्रमों का समाहित निचोड़ बताया। एक तरफ श्रृंगार से ओतप्रोत नायिका का इंतजार है तो दूसरी ओर प्रभु को पुकारने की अकुलाहट है। कहीं जीवन अनुभवों से सृजित सीख के भिन्न छंदों की बहुलता है तो कहीं प्रकृति के सुर सुनाई पड़ते हैं। यातायात के नियमों एवं नीति कथाओं का मनोहारी चित्रण भी वीडियो के द्वारा किया गया। 
 
इंदु पाराशर ने अपनी बात में कहा कि 'मन के मोती’ में उन्होंने रचनाओं को मात्राओं में बांधने का प्रयास किया हैं वहीं ‘सुनो कहानी' वीडियो बुक में बच्चों के लिए भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों को बखानती नीति कथाओं को कविताओं के माध्यम से अभिव्यक्ति प्रदान की है। 'यातायात के नियम' में वीडियो के माध्यम से बच्चों में संस्कारित करने का प्रयास किया है। 
 
कार्यक्रम की सूत्रधार रश्मि चौधरी एवं सरस्वती वंदना दिव्या मंडलोई ने प्रस्तुत की। शौर्य पाराशर ने कविता पाठ किया। अतिथियों का स्वागत-ऋषि शर्मा, पदमा राजेंद्र, मनीष चौहान, अंकिता पाराशर, स्मिता नायर, तनुजा चौबे, वंदना शर्मा, स्नेहलता श्रीवास्तव अमर चड्ढा आदि ने किया तथा आभार डॉ. पंकज पाराशर ने माना।

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