युवाओं के बीच रस्किन बॉन्ड का जादू बरकरार है। असहिष्णुता पर उनका कहना है कि - "अवॉर्ड्स कोई बेजान चीज नहीं, यह लोगों का प्यार है। इसे लौटाना या ठुकराना ठीक नहीं है। जैसे इन्टॉलरेंस, इन्टॉलरेंस को जन्म देता है, वैसे ही टॉलरेंस से टॉलरेंस फैलता है। जब आप और मैं तय कर लेंगे कि हमें टॉलरेंट बनना है तो दुनिया बदल जाएगी। लेखक शब्दों से दूरियां पाटने की ताकत रखते हैं, उनमें सहनशक्ति विशेष जरूरी है।''