उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध समालोचक एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पुस्तकों से दूर होती जा रही है। समाज को पुस्तकों से जोड़ने के लिए इस तरह के आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी ने कहा कि बिना श्रेष्ठ पुस्तकों के कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता। पुस्तकें जीवंत और गतिशील समाज के श्वास-प्रश्वास की तरह हैं। वाणी प्रकाशन ने प्रदर्शनी में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को एक जगह इकट्ठा करने का प्रयास किया है, जो सराहनीय है।
कथाकार और कवि डॉ. कीर्ति कुमार सिंह ने वाणी प्रकाशन द्वारा आयोजित इस पुस्तक प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इलाहाबाद में अपना केंद्र स्थापित करने के बाद वाणी प्रकाशन का शहर में यह पहला कार्यक्रम है। आशा है, अब हमें शहर में एक से एक श्रेष्ठ साहित्यिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे। इससे इलाहाबाद शहर को एक नई साहित्यिक ऊर्जा और गति प्राप्त होगी।
कार्यक्रम का संचालन नंदल हितैषी ने किया। कार्यक्रम में वाणी प्रकाशन के वरिष्ठ विक्रय अधिकारी श्रीकांत अवस्थी, स्थानीय प्रबंधक विनोद तिवारी, अरिन्दम घोष, डॉ. कृपाशंकर पांडेय, हितेश सिंह, सर्वेश सिंह, आलोक सिंह, रचना आनंद गौड़ आदि उपस्थित थे। सभी पाठक प्रेमियों का 10 से 14 सितंबर तक पुस्तक प्रदर्शनी में स्वागत है।