इस सभा में युवाओं की फौज, बूढ़े और महिलाएं मौजूद थीं, लेकिन इस बाग से निकलने का एक ही रास्ता था। इस सभा को भंग करने के लिए अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने बिना किसी सूचना के अंधाधुंध गोलियां चलवा दी, चूंकि रास्ता एक ही था बाहर निकलने के लिए और वह भी संकरा, इसलिए लोग भागने लगे और सभा में मार्मिक भगदड़ होने लगी। फायरिंग पर फायरिंग होती रही।