बेटी पर कविता : एक निवेदन सिर्फ तुमसे

मैं जिंदगी में बोझ नहीं हूं
मुझे इस धरा पर आने दो पापा

मैं तुम्हारे हर गम को बंटाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं तुम्हारी संपत्ति को नहीं बंटाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं साइना नेहवाल बन देश का नाम करूंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं मैरीकॉम बन तुम्हारे दुश्मनों को
मार भगाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
जब तुम थके-मांदे आओगे
मैं चाय बनाकर लाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं दुर्गा बन समाज के महिषासुरों
का विनाश करूंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं इंदिरा बनकर ‍पाकिस्तान
के छक्के छुड़ाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 
मैं मां-बह‍िन-बिटिया बन
लोरी गाऊंगी
मुझे इस धरा पर आने दो पापा
 

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