गुलाब की तरह तुम....

गुलाब की तरह
तुम्हारा रंग तो गुलाबी नहीं पर
पहली बार जब
मिला मेरी अंगुलियों को स्पर्श तुम्हारा


 

महक उठी थी मेरी मन बगिया
पांखुरी की तरह मेरे दिल पर
कुछ फिसलता रहा
रेशमी और कोमल
रोम-रोम पर ...

कौन कहता है गुलाब सिर्फ फूल होता है।
प्रेम में आकंठ
हर प्रेमी गुलाब ही तो होता है..।
.. तुम्हारी तरह ...

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