Richest Muslim Businessmen in India : भारत, अपनी विविध संस्कृति और आर्थिक प्रगति के लिए विश्वभर में जाना जाता है। यहां विभिन्न समुदायों के उद्यमी अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मुस्लिम समुदाय भी इस प्रगति में पीछे नहीं है, और कई मुस्लिम कारोबारी अपनी कंपनियों को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर न केवल धन कमा रहे हैं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। आइए जानते हैं भारत के ऐसे ही 5 बड़े मुस्लिम कारोबारियों के बारे में, जो अपने ब्रांड्स और संपत्ति के साथ-साथ अपनी प्रेरणादायक कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
1. अजीम प्रेमजी: विप्रो के संस्थापक और भारत के सबसे बड़े दानवीर
अजीम प्रेमजी का नाम भारत के सबसे अमीर मुस्लिम ही नहीं, बल्कि सबसे बड़े दानवीरों में भी शुमार है। वे विप्रो लिमिटेड के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन हैं। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता से एक छोटी तेल कंपनी को वैश्विक आईटी दिग्गज में बदल दिया। प्रेमजी अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों, खासकर शिक्षा के लिए दान करने के लिए प्रसिद्ध हैं। •कंपनी: विप्रो लिमिटेड (Wipro Limited) •नेट वर्थ: फोर्ब्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) तक की है। •दान: हुरून इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2021 के अनुसार, उन्होंने 9713 करोड़ रुपये दान किए हैं। यदि हर दिन के हिसाब से गिना जाए, तो उन्होंने प्रतिदिन लगभग 27 करोड़ रुपये दान में दिए हैं। वे अब तक 2.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का दान कर चुके हैं।
2. मेराज मनाल: हिमालय वेलनेस कंपनी के पीछे का नाम
भारत के दूसरे बड़े मुस्लिम कारोबारी की लिस्ट में मेराज मनाल का नाम शामिल है। वे हिमालय वेलनेस कंपनी (Himalaya Wellness Company) के मालिक हैं, जो आयुर्वेदिक स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के लिए जानी जाती है। इस कंपनी की स्थापना मोहम्मद मनाल ने 1930 में की थी, और मेराज मनाल ने इसे वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। •कंपनी: हिमालय वेलनेस कंपनी (Himalaya Wellness Company) •ब्रांड्स: लिव.52 (Liv.52), हिमालय नीम फेस वॉश (Himalaya Neem Face Wash) जैसे प्रसिद्ध उत्पाद। •नेट वर्थ: मेराज मनाल की व्यक्तिगत नेट वर्थ सार्वजनिक रूप से व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन हिमालय वेलनेस कंपनी एक बड़ा और सफल वैश्विक ब्रांड है।
3. रफीक मलिक: मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड के चेयरमैन
रफीक मलिक भारत के प्रमुख फुटवियर रिटेल चेन मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड (Metro Brands Limited) के चेयरमैन हैं। यह कंपनी मेट्रो शूज, मोची, वॉकवे जैसे लोकप्रिय फुटवियर ब्रांड्स का संचालन करती है। •कंपनी: मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड (Metro Brands Limited) •ब्रांड्स: मेट्रो शूज (Metro Shoes), मोची (Mochi), वॉकवे (Walkway) •नेट वर्थ: इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रफीक मलिक की नेट वर्थ 2.9 बिलियन डॉलर (लगभग 23,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 23,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
4. एम.ए. यूसुफ अली: लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के प्रमुख
एम.ए. यूसुफ अली को 'मिडिल ईस्ट रिटेल किंग' के नाम से जाना जाता है। वे लुलु ग्रुप इंटरनेशनल (LuLu Group International) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, जो मध्य पूर्व और एशिया में हाइपरमार्केट और शॉपिंग मॉल की एक विशाल श्रृंखला संचालित करता है। भारत में उन्होंने केरल में बड़े शॉपिंग मॉल बनाए हैं, जो रोजगार और व्यापार के अवसर प्रदान करते हैं। •कंपनी: लुलु ग्रुप इंटरनेशनल (LuLu Group International) •ब्रांड्स: लुलु हाइपरमार्केट (LuLu Hypermarket), लुलु मॉल (LuLu Mall) •नेट वर्थ: फोर्ब्स के मुताबिक, एम.ए. यूसुफ अली की कुल संपत्ति 7.4 बिलियन डॉलर (लगभग 65,150 करोड़ रुपये) है।
5. यूसुफ ख्वाजा हामिद: सिप्ला फार्मास्युटिकल्स के मालिक
यूसुफ ख्वाजा हामिद भारत के प्रसिद्ध फार्मास्युटिकल दिग्गज सिप्ला (Cipla) के चेयरमैन हैं। सिप्ला की स्थापना उनके पिता ख्वाजा अब्दुल हमीद ने 1935 में की थी। यूसुफ हमीद ने कंपनी को सस्ती और सुलभ दवाएं बनाने में अग्रणी बनाया, खासकर अस्थमा और एचआईवी/एड्स जैसी बीमारियों के लिए। •कंपनी: सिप्ला (Cipla) •ब्रांड्स: सिप्ला फार्मास्युटिकल्स (Cipla Pharmaceuticals) •नेट वर्थ: फोर्ब्स के अनुसार, यूसुफ ख्वाजा हामिद की कुल संपत्ति लगभग 2.6 बिलियन डॉलर (लगभग 21,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है।
ये कारोबारी न केवल अपनी कंपनियों को सफलता की ऊंचाइयों पर ले गए हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अजीम प्रेमजी जैसे उद्यमी अपने दानवीर स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, वहीं अन्य कारोबारी भी अपने-अपने क्षेत्रों में नवाचार और रोजगार सृजन कर रहे हैं। ये सभी व्यक्तित्व भारत की आर्थिक विविधता और उद्यमिता की भावना का प्रतीक हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ कोई भी व्यक्ति सफलता की नई परिभाषा लिख सकता है।