होली कविता : रंग जाएंगे मिलकर हम...

- अक्षय नेमा
 

 
प्यार की चोली में
मन की एक खोली में
रंग जाएंगे मिलकर हम
 
रंगों की आज होली में
तुम रंग देना मुझको,
मेरा हृदय भी रंग जाए
कल तक जो शिकवे थे
वो पानी में घुल जाए।
 
मेरा मन जो एक सफेदा
रंग से उसे सजा देना
किस्मत की रेखा मिट जाए
ऐसा रंग लगा देना।
 
तेरे लिए ये आज प्रण है
तुझको मैं न टोकूंगा,
तू चाहे जितना रंग दे
मैं आज तुझे ने टोकूंगा।
 
रंगना है मुझको आज
रंगने में जो अर्पण है
मेरे प्रियतम तुझको मेरा
सबकुछ आज समर्पण है। 

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