×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
महाकुंभ
कुंभ यात्रा गाइड
कुंभ मेला न्यूज
कुंभ मेला इतिहास
बजट 2025
दिल्ली चुनाव
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
ज्योतिष 2025
इंदौर
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
महाकुंभ
बजट 2025
दिल्ली चुनाव
धर्म-संसार
बॉलीवुड
क्रिकेट
ज्योतिष 2025
इंदौर
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हिन्दी साहित्य : मदद के पंख कैसे जलते
संजय वर्मा 'दृष्टि'
दु:ख की परिभाषा
भूखे से पूछो
या जिनके पास पैसा नहीं हो
उससे पूछो।
अस्पताल में बीमार के परिजन से पूछो
बच्चों की फ़ीस भरने का इंतजाम करने वालों से पूछो
लड़की की शादी के लिए इंतजाम करने वालों से पूछो।
जब ऐसे इंतजाम सर पर आ खड़े हों
कविताएं अपनी खोल में जा दुबकती हैं
मैदानी मुकाबले किताबी अक्षरों में
हो जाती बेसुध
मदद की कविता जब अपनों से गुहार करती
तब मदद के पंख या तो जल जाते या फिर कट जाते।
क्या ताउम्र तक इंसान ऋणी के रोग से
पीड़ित होता है
हां, होता है ये सच है
क्योंकि सच हमेशा कड़वा और सच होता
अपने भी मुंह मोड़ लेते।
ये भी सच है कि इंसान के पास
पैसा होना चाहिए
पूछ-परख होती है
पैसा है तो इंसान की पूछ-परख
नहीं तो मदददगार पहले ही भिखारी का भेष
पहनकर घूमते
पैसा है तो आपकी वखत
नहीं तो रिश्ते भी बैसाखियों पर टिक जाते।
दुनिया में इंसान ने अपनी राह
स्वयं को चुनना
सलाह सबकी मगर करना मन की
नहीं तो कर्ज की गर्त में
दुखों से खुशियों को निकलते किसी ने
आज तक नहीं देखा।
भाग्य के ख्वाब बस सपनों तक ही
सीमित
क्योंकि कर्ज देना स्वयं को देना है
और उधार मांगते वक्त
लोग आपसे भी गरीब
बन जाते हैं।
बस सोच ये रखना
जितनी चादर उतने पांव
पसारना।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
चुनिंदा शायरी: आंखों को 4 कर लेना
प्रासंगिक रचना : वीर शहीदों को नमन
कविता : व्यंग्य हास-परिहास
कविता : बूढ़े होंगे हम...
कविता : शब्दों का संसार
जरुर पढ़ें
सर्दियों में रोजाना हॉट चॉकलेट पीने से क्या होता है सेहत पर असर
तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं
सर्दियों में रोजाना पिएं ये इम्यूनिटी बूस्टर चाय, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग
क्या सच में ठंडे दूध का सेवन देता है एसिडिटी से राहत
मां गंगा के पवित्र नाम पर दें बेटी को प्यारा सा नाम, पौराणिक हैं अर्थ
नवीनतम
रोज की बाल झड़ने की समस्या से हैं परेशान? हफ्ते में सिर्फ 1 बार लगाएं ये आयुर्वेदिक हेयर मास्क और पाएं राहत
संस्कृत से की पढ़ाई, उर्दू में की शायरी, अब होंगे पद्मश्री से सम्मानित, जानिए ब्राह्मण से बने शीन काफ निजाम का सफर
वसंत पंचमी पर क्या बनाते हैं?
Sleeping Tips : सोने से पहले इन तरीकों से करें मेडिटेशन, मिनटों में दूर होगी नींद न आने की समस्या
क्या है चीन का AI चैंपियन DeepSeek जो दे रहा है ChatGPT को कड़ी चुनौती, जानिए किसने बनाया है DeepSeek
ऐप में देखें
x