तुझ पर सदा रहे गमों के बादल,
फिर क्यूं बरसे ये अंसुवन वर्षा
कभी आए सपने डरावने तब ,
खुद को तू मजबूत करता जा, करता जा
कुछ भी नया नहीं तेरे लिए अब ये सब
इससे तू अब जूझ जरा, जूझ जरा
नई उम्मीदों की किरण संग चल
हो सकता है मिल जाए तुझे कोई नया जहां
कर ले तप और सह, हर' ताप तू
शायद आगे मिले तुझे कोई नया जहां,
न सोच आज न मिला कल न मिलेगा