-सीए सुनील गोयल
समझना होगा, दुनिया की चाल को,
बदलना होगा, खुद से अपने हालात को।
ठोकर खाकर ही इंसान संभलता है,
ठोकर समझकर ही, भूलना होगा हर हार को,
कायनात सारी मिल जाएगी।
डरों को दबाना होगा, हौसला दिखाना होगा,
चाहिए तुम्हें सब, तो तुम्हें खुद को ही हराना होगा।
तोड़नी होगी हर जंजीर, जो रोके तुम्हें बढ़ने से,
सपना पाना है तो, पहले खुद को सपना दिखाना होगा,
कायनात सारी मिल जाएगी।
इंसान वो आग है, जो ठान ले, तो बढ़े चले,
सभी कठिनाइयों को पार कर, तुम्हें ये दिखलाना होगा।
खुद की बेड़ियां हो तुम खुद, खोल दो इन्हें आज,
बस, एक कदम हिम्मत करो, फिर ये जमाना तुम्हारा होगा,
कायनात सारी मिल जाएगी।
आज वादा करो खुद से, अब नहीं डरोगे,
बहुत तुमने सह लिया, अब नहीं सहोगे।