प्रकृति के गालों पर ये टेसुई (पलाशी ) गुलालों वाले दिन।
राधा / माधव के मनों में अरमानों की उछालों वाले दिन ।।
हर डाली को , लताओं को , पुष्पों को झकझोरती
ये फागुनी हवा की शोखी भरी अल्हड़ चालों वाले दिन ।। 1 ।।
हर दिशा में उभरते नशीले मौसमी रागो -रंगों से ,
वसन्तोत्सव की मदभरी आहटों ,आगाज़ वाले दिन ।। 3 ।।