पहाड़ों पर टेसू ने रंग बिखेरे फागुन में
हर कदम पर बज रहे ढोल फागुन में
ढोल की थाप पे थिरकते पैर फागुन में
महुआ लगे झूमने गीत सुनाए फागुन में
बिन पानी खिल जाते टेसू फागुन में
पानी संग मिल रंग लाते टेसू फागुन में
शरमा जाते हैं सब मौसम फागुन में
मांग ले जाते प्रेमी कुछ प्यार फागुन में
हर चेहरे पर आ जाती खुशहाली फागुन में
भगोरिया के नृत्य लुभा जाते फागुन में
बांसुरी, घुंघरू के संग गीत सुनती फागुन में