तोहे मुनिया पुकारे
मुनिया पुकारे तोहे, मुनिया पुकारे
आके बैठ जा रे ऊंची अटरिया
तोहे मुनिया पुकारे।
अंगना में आके गौरैया नाचे
फर्र से उड़कर घर भर को नापे
पीछे-पीछे भागत है कृष्ण कन्हैया
सूने भए गांव, चौपाल राजधानी
चहक-चहक अब कौन रिझाएं
सुबह, पछिलहरा में गांव को कौन जगाएं