एक बहुत ही धनवान लोभी व्यापारी था। गांव के लोग रुपयों के मामले में कभी उसका भरोसा नहीं करते थे। उस लोभी व्यापारी को जब इस बात का पता चला तो वह बड़ा दुखी हुआ। दुखी मन से एक रात जब वह सोया तो उसके सपने में ईसा मसीह आए। उसने ईसा मसीह से पूछा- मैं स्वर्ग जाना चाहता हूं, लेकिन कोई मुझ पर भरोसा नहीं करता। ऐसे में मैं धर्म की दृष्टि से स्वर्ग का हकदार नहीं बन सकता। मुझे क्या करना चाहिए?
व्यापारी बोला- मैंने सोचकर ही कहा है प्रभु। ईसा ने कहा- अच्छा, तो फिर अपनी तिजोरी की चाबियां मुझे दे दो? व्यापारी चौकन्ना होकर बोला- लेकिन मेरी तिजोरी की चाबियां लेकर आप क्या करेंगे। यह आपके मतलब की नहीं है।
ईसा ने कहा- उससे तुम्हें क्या मतलब? व्यापारी ने इनकार करते हुए कहा- नहीं, मैं चाबियां नहीं दे सकता। ईसा मसीह ने कहा- तो फिर तुम कभी स्वर्ग नहीं जा सकते, क्योंकि लोभी लोगों के लिए वहां जगह नहीं है।