एक सूफी संत थी- राबिया। उनका जन्म अरब में आठवीं शताब्दी में हुआ था। एक दिन राबिया आंगन में कुछ ढूंढ रही थी। बहुत देर हो गई, लेकिन उसे वह चीज नहीं मिली तब एक शिष्य ने आखिर राबिया से पूछा- आप क्या ढूंढ रही हैं?
राबिया ने कहा- मेरी सुई गुम हो गई है। मैं उसे ही ढूंढ रही हूं।
शिष्य ने कहा- हम सभी सुई को ढूंढने में आपकी मदद करते हैं। सभी शिष्यों ने पूरा आंगन छान मारा, लेकिन सुई का निशान तक नहीं मिला। आखिर थक-हारकर एक शिष्य ने पूछा- अब आप याद करके यह बताएं कि आपकी सुई यहीं गुम हो गई थी या और कहीं?