स्कॉटलैंड का सम्राट ब्रूस अभी गद्दी पर बैठा भी नहीं था कि दुश्मनों का आक्रमण हो गया। हारते-हारते बचा और उसने पुन: सेना को व्यवस्थित किया, लेकिन फिर जब कई राजाओं ने मिलकर उस पर हमला किया तो राजगद्दी फिर छिन गई।
निराश ब्रूस एक दिन एक खंडहर में बैठा था। उसने देखा एक मकड़ी हवा में उड़कर एक दूसरे पेड़ की टहनी से जोड़कर जाला बनाने का प्रयास कर रही थी। मकड़ी खंडहर में थी, पेड़ बाहर था। जाला हर बार टूट जाता था फिर भी मकड़ी शक्तिसंचय कर पुन: कार्य में लग जाती। बीस बार प्रयास किया, लेकिन हर बार जाला टूट गया। 21वीं बार में वह सफल हो गई।