कुछ देर बाद खरगोश ने बिल से अपना चेहरा बाहर निकाला तो देखा कि कुत्ता जुबान निकालकर हांफ रहा है। हांफते हुए कुत्ते ने खरगोश से पूछा- 'भाई, एक बात बताओ। मैं शरीर में तुमसे बड़ा और ताकतवर, दौड़ने में भी तुमसे तेज लेकिन फिर भी तुम मुझसे भी तेज भागते हुए बच गए। आखिर ऐसा कैसे तुमने किया?'
खरगोश से कहा, 'भाई, तुम में और मुझ में बस उद्देश्य का फर्क था। तुम अपने लंच के लिए दौड़ रहे थे और मैं अपनी लाइफ के लिए।'
मित्रों, अधिकतर लोग नौकरी या धंधा अपने लंच और डिनर के लिए ही कर रहे हैं। जिस दिन आपने अपना उद्देश्य बदल दिया, उस दिन आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।