ज़र्द पड़ चुके चेहरे के साथ सिर पर सुर्ख़ चुन्नी ओढ़ते हुए सिमरन ने राजीव से कहा...'सुनो..! पूजा की थाली जरा करीने से सजाना प्लीज... और देखना... कोई सामान छूट नहीं जाए।'
कमजोरी से कांप रही अपनी पत्नी के कंधों को मजबूत हथेलियों से थामते हुए राजीव ने कहा..'अरे चिंता मत करो, मैं कोई कोर-कसर नहीं रखूंगा।
दरअसल 2 महीने पहले सिमरन को डेंगू हो गया था। घर, बच्चे और खुद राजीव ..सब अस्त-व्यस्त। सच में स्त्री को परिवार की धुरी यूं ही नहीं कहते । करीब 25 दिन सिमरन हॉस्पिटल में एडमिट रही..। हालत ऐसी हो गई थी कि अब गई ..तब गई। सिमरन के बगैर घर की कल्पना से ही राजीव सिहर उठता था।
आज करवा चौथ का दिन है। राजीव के खूब मना करने पर भी सिमरन ने व्रत रखा।
'कुछ ऐसा सिस्टम नहीं है क्या कि आज मैं तुम्हारी लंबी उम्र की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखूं...?'राजीव ने परिहास करते हुए मन की बात कह दी।
'नहीं जनाब ...! सिमरन के पीले चेहरे पर कई दिनों बाद गुलाबी मुस्कान आई। सालों से यही रिवाज चला आ रहा है और यही रहेगा।'उसने दृढ़तापूर्वक कहा ..।
'पर ऐसा क्यों सिमरन सारे व्रत-उपवास औरतों के हिस्से में ही क्यों आते हैं ?'-राजीव ने जिज्ञासा प्रकट की।
'वह तो मुझे नहीं पता लेकिन शायद इसलिए कि औरतें मर्दों के मुकाबले ज्यादा स्ट्रांग होती हैं...'सिमरन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
'तुम सही कह रही हो सिम्मी... शारीरिक रूप से भले ही पुरुष स्ट्रांग नजर आता है, पर आत्मबल के मामले में औरत हमसे कहीं आगे होती है।
कहते-कहते राजीव जज्बाती हो गया ...'तुम ना शक्ति हो.. नहीं-नहीं.. शक्तिपुंज हो.. तुम मेरे बिना अपूर्ण.. नहीं मैं तुम्हारे बिना अधूरा हूं ...कहते हैं, ना शक्ति के बिना शिव अधूरे हैं लेकिन यह कभी नहीं सुना कि शिव के बिना शक्ति अधूरी है। तुम अपने भगवान से भले ही मेरी लंबी उम्र की कामना करना... पर तुमसे लंबी उम्र मुझे कतई नहीं चाहिए।