Women Open Hair: आजकल अधिकतर महिलाएं अपने बाल खुले रखने लगी। कई महिलाओं ने तो लंबे बालों को छोटा करके खुला रखना प्रारंभ कर दिया है। अब यह फैशन हो चला है। परंपरा से यह मान्यता है कि महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं रखना चाहिए। आखिर क्यों ऐसा माना जाता है और क्या होगा बालों को खुला रखने से? आओ जानते हैं इस संबंध में मान्यता।
1. खुले बाल अमंगल का प्रतीक : प्राचीनकाल से ही यह धारणा व्याप्त है कि खुले बाल रखना अमंगल का प्रतीक है। भारत में कोई भी महिला खुले बाल नहीं रखती है। महिलाओं के लिए केश विन्यास अत्यंत आवश्यक है उलझे एवं बिखरे हुए बाल अमंगलकारी कहे गए हैं। कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करने से अयोध्या का अमंगल हो गया था। द्रोपदी ने अपने बालों को खुला रखा था जिसके चलते कौरव और पांडवों के कुल का नाश हो गया था।
2. आचरण और मन पर पड़ता गहरा प्रभाव : कहते हैं कि खुले बाल रखने से महिलाओं की सोच और आचरण भी स्वछंद होने लगते हैं। यही नियम पुरुषों पर भी लागू होता है। जो पुरुष बड़े-बड़े खुले और लहराते हुए बाल रख लेते हैं उनकी मानसिक स्थिति भी बदल जाती है। इंग्लैंड के डॉ. स्टैनले और अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गिलार्ड थॉमस ने पश्चिम देश की महिलाओं की बड़ी संख्या पर निरीक्षण के आधार पर लिखा कि केवल 4 प्रतिशत महिलाएं ही शारीरिक रूप से पत्नी या मां बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रियां बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेने के कारण मां बनने के लिए अयोग्य होती हैं।
उल्लेखनीय है कि रामायण में बताया गया है कि जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला होता है, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, 'विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर रखना' क्योंकि सौभाग्यवती स्त्री के बालों को सम्मान की निशानी माना गया है। बंधे हुए लंबे बाल आभूषण सिंगार होने के साथ-साथ संस्कार व मर्यादा में रहना सिखाते हैं।