रक्षाबंधन का इतिहास और ऐतिहासिक महत्व: रक्षा बंधन का त्योहार सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका एक गहरा ऐतिहासिक, पौराणिक और सामाजिक महत्व भी है। रक्षा बंधन का पौराणिक तथा ऐतिहासिक महत्व यह दर्शाता है कि भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी लाज बचाकर 'रक्षा' का वचन पूर्ण किया था, जब महाभारत काल में शिशुपाल के वध के समय भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लग गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया था।