Bhagwat Geeta : हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारस तिथि पर मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती मनाई जाती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार महाभारत काल में इसी दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, वह गीता में बताया गया है। और गीता के उपदेश में हमें आदर्श जीवन जीने, धर्म पथ का अनुसरण करने और अपने द्वारा किए जा रहे कर्मों के महत्व को समझाते है।
1. श्री कृष्ण कहते हैं भगवान को जानने के लिए भक्ति ही एकमात्र साधन है।
2. श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार जहां भगवान हैं वहां ऐश्वर्य, विजय और अलौकिक शक्ति हमेशा रहती है।
3. ज्ञान को प्राप्त करने के लिए विनम्रता आवश्यक है।
4. जिनकी बुद्धि अनेक शाखाओं में विभाजित रहती है, वो अपने लक्ष्य को कभी प्राप्त नहीं कर पाते।
5. इस संसार में सारे जीव भगवान के ही अंश हैं।
6. गीता कहती हैं भगवान सबके हृदय में विराजमान हैं और उन्हीं से ही स्मृति तथा विस्मृति हमें प्राप्त होती है।
7. आत्मा न तो जन्म लेती है और न ही मरती है।
8. कृष्ण कहते हैं क्रोध में व्यक्ति अपना नियंत्रण खो बैठता है और आवेश में गलत कार्य करके जीवनभर पछताता है।
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