1. इस्कॉन मिशन: विश्व की लगभग 60 से ज्यादा भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है। अन्तर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कान) के संस्थापक तथा हरे राम हरे कृष्ण आन्दोलन के प्रवर्तक श्रील प्रभुपाद के विश्वप्रसिद्ध गीता-भाष्य- 'श्रीमद्भागवत गीता यथा रूप' का दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रचार प्रसार होता रहा है। इस संगठन के माध्यम से विश्वभर में गीता को पढ़ा जाने लगा है।
2. चिन्मय मिशन: स्वामी चिन्मयानन्द जी ने इस संगठन की स्थापना की थी। स्वामी जी ने उपनिषद्, गीता और आदि शंकराचार्य के 35 से अधिक ग्रंथों पर व्याख्यायें लिखीं। गीता पर लिखा उनका भाष्य सर्वोत्तम माना जाता है। यह मिशन गीता पर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता भी करवाता है। www.chinmayamission.com पर जाकर आप गीता पढ़ने, सीखने और समझने के साथ प्रतियोगिता में भी भाग ले सकते हैं।
4. वैष्णव संप्रदाय के उप संप्रदाय : वैष्णव के बहुत से उप संप्रदाय हैं- जैसे बैरागी, दास, रामानंद, वल्लभ, निम्बार्क, माध्व, राधावल्लभ, सखी, गौड़ीय आदि। ये सभी गीता के प्रचार प्रसार में लगे हैं।
8. भगवद गीता रिसर्च फाउंडेशन : इस संगठन इंग्लैंड और वेल्स में चैरिटी कमीशन में एक चैरिटी के रूप में पंजीकृत है जो किसी भी व्यक्ति या संगठन से कोई दान स्वीकार नहीं करता है। इसका उद्देश्य लोगों के बीच गीता की समझ को बढ़ाना है। उत्कृष्ट पुस्तक भगवद गीता के सिद्धांतों और शिक्षाओं के अध्ययन और अभ्यास के माध्यम से देश और दुनिया में आपसी सम्मान, सहिष्णुता और विनम्रता की भावना को बढ़ाना है।