3. भगवान परशुराम की सेवा-साधना करने वाले भक्त हर तरह से संपन्न होकर धन, भूमि, ज्ञान, दारिद्रय से मुक्ति, शत्रु नाश, संतान प्राप्ति, विवाह, और अभीष्ट सिद्धि इत्यादि पाते हैं।
8. क्रोध और दानशीलता में भगवान परशुराम का कोई सानी नहीं है।
9. पृथ्वी को 17 बार क्षत्रियों से विहीन करने वाले भगवान परशुराम ही थे।
10. उनकी दानशीलता ऐसी थी कि समस्त पृथ्वी ही ऋषि कश्यप को दान कर दी।
11. सहस्रार्जुन की इहलीला समाप्त करने वाले भी परशुराम ही थे और उसका प्रायश्चित के लिए उन्होंने सभी तीर्थों में तपस्या की।