भगवान विश्वकर्मा गृह निर्माण और वस्तुओं को बनाने वालों के देवता हैं। पंचांग भेद से माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी यानी 3 फरवरी 2023 को भी विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। हालांकि भारत के कई हिस्सों में सितंबर माह की किसी तारीख को यह जयंती मनाई जाती है। आओ जानते हैं कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा कैसे करें और क्या है पूजा के मंत्र।
पूजा विधि- Lord Vishwakarma Puja vidhi:
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद स्नान करें।
- पूजा स्थान को साफ करके प्रतिमा रखें।
- हाथ में पुष्म, और अक्षत लेकर ध्यान लगाएं।
- इस मंत्र का जाप करें- ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
पुराणों में विश्वकर्मा के पांच अवतारों का वर्णन मिलता है- 1.विराट विश्वकर्मा- सृष्टि के रचयिता, 2.धर्मवंशी विश्वकर्मा- महान् शिल्प विज्ञान विधाता और प्रभात पुत्र, 3.अंगिरावंशी विश्वकर्मा- आदि विज्ञान विधाता वसु पुत्र, 4.सुधन्वा विश्वकर्म- महान् शिल्पाचार्य विज्ञान जन्मदाता अथवी ऋषि के पौत्र और 5.भृंगुवंशी विश्वकर्मा- उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानाचार्य (शुक्राचार्य के पौत्र)।