डॉलर या पाउंड नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, जानिए इसके मुकाबले कहां ठहरता है आपका रुपया

WD Feature Desk

शनिवार, 26 जुलाई 2025 (15:23 IST)
strongest currency in the world: जब भी दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी की बात आती है, तो अक्सर हमारे दिमाग में सबसे पहले अमेरिकी डॉलर या ब्रिटिश पाउंड का नाम आता है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों में इन्हीं मुद्राओं का दबदबा रहा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डॉलर दुनिया की सबसे महंगी करेंसी नहीं है? यह जानकर आपको शायद हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे मजबूत और महंगी करेंसी कुवैत की है, जिसे कुवैती दिनार (Kuwaiti Dinar - KWD) के नाम से जाना जाता है। यह छोटी सी खाड़ी देश की मुद्रा अपने मूल्य के मामले में वैश्विक चार्ट पर शीर्ष पर बनी हुई है, जिसके सामने अमेरिकी डॉलर भी कमजोर पड़ जाता है।

कुवैती दिनार की बादशाहत: डॉलर के सामने भी भारी
कुवैती दिनार (KWD) अपनी उच्च विनिमय दर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, 1 कुवैती दिनार लगभग 3.28 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कैसे कुवैत की मुद्रा अमेरिकी डॉलर से कहीं अधिक मूल्यवान है। यह सिर्फ़ एक संख्या नहीं, बल्कि कुवैत की मजबूत आर्थिक स्थिति और वैश्विक वित्तीय बाजार में उसके प्रभाव का प्रमाण है।

कुवैत की करेंसी को मजबूत बनाने वाले कारक
एक छोटा सा देश होने के बावजूद, कुवैत की करेंसी को लगातार ग्लोबल चार्ट पर टॉप पर बने रहने में कई महत्वपूर्ण कारक मदद करते हैं। ये कारक किसी भी देश की मुद्रा की मजबूती का आधार होते हैं:
1. मजबूत तेल पर आधारित इकोनॉमी: कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक है। उसके पास दुनिया के कुल तेल भंडार का 7% से अधिक हिस्सा है। तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का भारी निर्यात कुवैत के लिए विदेशी मुद्रा का एक बड़ा स्रोत है, जिससे कुवैती दिनार की वैश्विक मांग बनी रहती है। जब किसी देश के निर्यात अधिक होते हैं और उसके उत्पादों की वैश्विक मांग होती है, तो उसकी मुद्रा मजबूत होती है।
2. उच्च प्रति व्यक्ति आय: कुवैत की प्रति व्यक्ति आय दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, 2024 में कुवैत की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP per capita) लगभग 32,290 अमेरिकी डॉलर थी। उच्च प्रति व्यक्ति आय देश की आर्थिक समृद्धि और नागरिकों की क्रय शक्ति को दर्शाती है, जो मुद्रा के मूल्य को सहारा देती है।
3. बड़े सॉवरेन वेल्थ रिजर्व (संप्रभु धन कोष): कुवैत के पास विशाल सॉवरेन वेल्थ फंड हैं, जैसे कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (KIA)। ये फंड तेल राजस्व से प्राप्त अधिशेष को वैश्विक बाजारों में निवेश करते हैं, जिससे देश को अतिरिक्त आय होती है और उसकी वित्तीय स्थिरता बनी रहती है। ये रिजर्व देश को आर्थिक झटकों से बचाने और मुद्रा के मूल्य को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
4. स्थिर राजनीतिक और आर्थिक नीतियां: एक स्थिर राजनीतिक वातावरण और विवेकपूर्ण आर्थिक नीतियां विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाती हैं। कुवैत ने अपनी मुद्रा को अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले स्थिर बनाए रखने के लिए एक स्थिर मुद्रा नीति अपनाई है, जिससे उसकी विश्वसनीयता बढ़ती है।
5. निम्न बेरोजगारी और महंगाई दर: किसी भी देश की मुद्रा की मजबूती उसकी निम्न बेरोजगारी दर और नियंत्रित महंगाई दर से भी जुड़ी होती है। कुवैत में ये कारक भी इसकी मुद्रा को सहारा देते हैं।

कुवैती दिनार के सामने कहां ठहरता है भारतीय रुपया
जब हम कुवैती दिनार की तुलना भारतीय रुपये से करते हैं, तो अंतर और भी स्पष्ट हो जाता है। वर्तमान में, 1 कुवैती दिनार लगभग 283.09 भारतीय रुपये के बराबर है। यह दर्शाता है कि कुवैत की आर्थिक शक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना में कितनी अधिक है, कम से कम प्रति व्यक्ति आय और मुद्रा मूल्य के संदर्भ में।
यह तुलना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे एक छोटा सा देश, अपने प्राकृतिक संसाधनों और कुशल प्रबंधन के दम पर, वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में इतनी मजबूत स्थिति बना सकता है। भारतीय रुपये की मजबूती, हालांकि लगातार बढ़ रही है, लेकिन कुवैती दिनार जैसे तेल-समृद्ध देशों की मुद्राओं के सामने अभी भी एक लंबा सफर तय करना है।
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