Which country pays the highest salary for indian: आज भारत के युवा अपनी प्रतिभा और कौशल का लोहा पूरी दुनिया में मनवा रहे हैं। बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर बेहतर करियर, ऊंची सैलरी और अच्छी जीवनशैली की तलाश में विदेशों का रुख कर रहे हैं। जब विदेश में नौकरी की बात आती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों का नाम आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के वो कौन से देश हैं जो वास्तव में भारतीयों को सबसे ज्यादा सैलरी देते हैं? और अगर अमेरिका टॉप पर नहीं है, तो भी वहां जाने की इतनी मारामारी क्यों मची रहती है? आइए इस लेख में इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
दुनिया के सबसे ज़्यादा सैलरी देने वाले देश
आंकड़ों और विभिन्न शोध रिपोर्टों के अनुसार, प्रति व्यक्ति आय और औसत वेतन के मामले में कुछ यूरोपीय और एशियाई देश अमेरिका से भी आगे हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं:
• स्विट्जरलैंड: अपने उच्च वेतन, बेहतरीन जीवन गुणवत्ता और कम करों के लिए जाना जाने वाला स्विट्जरलैंड सबसे ज्यादा सैलरी देने वाले देशों में से एक है। विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स और हाई-टेक उद्योगों में काम करने वाले भारतीयों को यहां शानदार पैकेज मिलते हैं।
• लक्ज़मबर्ग: यूरोप का यह छोटा सा देश बैंकिंग और वित्त का एक बड़ा केंद्र है। यहां की प्रति व्यक्ति आय दुनिया में सबसे अधिक है, जिसका सीधा असर यहां काम करने वाले पेशेवरों की सैलरी पर पड़ता है।
• डेनमार्क, आइसलैंड, और बेल्जियम: ये स्कैंडिनेवियाई और यूरोपीय देश भी अपने कर्मचारियों को बहुत अच्छा वेतन देते हैं। यहां कार्य-जीवन संतुलन (work-life balance) और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएँ भी बहुत अच्छी हैं।
• संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और हांगकांग: मध्य पूर्व और एशिया के ये दो वित्तीय केंद्र अपने आकर्षक, कर-मुक्त या कम कर वाले वेतन पैकेज के कारण भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। हालांकि, यहां रहने का खर्च भी काफी अधिक होता है।
• ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन: ये दोनों देश भी अच्छी सैलरी और बेहतर जीवनशैली की पेशकश करते हैं। यहां की प्रवासी नीतियों ने भी भारतीयों को आकर्षित किया है।
अमेरिका के लिए क्यों भारतीयों में है इतना आकर्षण?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब स्विट्जरलैंड जैसे देश अधिक वेतन दे रहे हैं, तो भी अधिकांश भारतीय अमेरिका जाने का सपना क्यों देखते हैं? इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो सिर्फ सैलरी से कहीं बढ़कर हैं।
• नवाचार और अवसर: अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा इनोवेशन हब है। सिलिकॉन वैली, सिएटल और बोस्टन जैसे शहर तकनीक, विज्ञान और शोध के केंद्र हैं। यहां भारतीयों को ऐसे अवसर मिलते हैं जो दुनिया में कहीं और शायद ही मिलें। करियर में ग्रोथ और नई तकनीकों पर काम करने का मौका अमेरिका को बेजोड़ बनाता है।
• व्यापक भारतीय समुदाय: अमेरिका में भारतीयों का एक बहुत बड़ा और स्थापित समुदाय है। यह समुदाय नए प्रवासियों के लिए घर जैसा माहौल प्रदान करता है। सामाजिक समर्थन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नेटवर्किंग के अवसर आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिससे विदेश में रहने का अनुभव सहज हो जाता है।
• उद्यमशीलता की संस्कृति: अमेरिका में अपनी खुद की कंपनी शुरू करना या नए विचारों पर काम करना बहुत आसान है। यहां की उद्यमशीलता (entrepreneurial) की संस्कृति भारतीयों को अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
• डॉलर की ताकत: भले ही यूरोप में औसत वेतन अधिक हो, लेकिन अमेरिकी डॉलर की ताकत और जीवनशैली का आकर्षण भी कम नहीं है। अमेरिका में कमाए गए डॉलर की विनिमय दर (exchange rate) बहुत अच्छी होने के कारण, भारत में परिवार को पैसे भेजना और निवेश करना आसान हो जाता है।