जब इंदौर में डेली कॉलेज के प्राचार्य को बनाया गया निगम महापौर

कमलेश सेन

बुधवार, 29 जून 2022 (14:25 IST)
नगर निगम हो या कोई भी चुनाव हमेशा उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी स्तर पर हो या स्थानीय स्तर पर कश्मकश की स्थिति बनती रही है। नगर निगम के 1958 से 2022 तक के चुनावों के इतिहास को देखें तो हमेशा ही पार्षद हो या महापौर के चयन को लेकर प्रमुख दलों में खींचतान होती रही है। सभी दलों में कार्यकर्ता की नाराजगी और विरोध स्थानीय चुनावों में होना आम बात है।
 
शहर की राजनीति तब भी शबाब पर थी और आज भी है। भारतीय जनता पार्टी पार्टी द्वारा वर्ष 2022 के नगर निगम चुनाव में महापौर के पद के प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे पुष्यमित्र भार्गव को उम्मीदवार बनाया है। नगर की राजनीति में किसी पद पर कार्यरत व्यक्ति को प्रथम नागरिक जैसे पद के लिए आगे लाने की इस शहर की पुरानी परंपरा है।
 
1958 में नवगठित इंदौर नगर निगम में बतौर सदस्य डेली कॉलेज के प्रचार आरएन जुत्शी को मनोनीत किया था। जुत्शी 1958 तक सदस्य, 1960 से 62 तक उपमहपौर के पद पर रहे, जबकि अप्रैल 1962 से एक वर्ष के लिए महापौर पद के लिए चुने गए। महापौर के चुनाव के लिए प्रो. जुत्शी और अडसुले के मध्य मुकाबला हुआ, जिममें जुत्शी को 27 तो अडसुले को 20 मत प्राप्त हुए। जगन्नाथ सेठिया और नारायणप्रसाद शुक्ल ने नाम वापस ले लिए थे।
 
कितना बड़ा संयोग है कि जो व्यक्ति राजनीति के दांव-पेंच नहीं जनता हो, जिसका सार्वजिनक जीवन में राजनीति से कोई नाता नहीं रहा हो उसे तत्कालीन शासन ने बुद्धिजीवी, कुशल प्रसाशक, नेतृत्व क्षमता को देखते हुए निगम में मनोनीत किया, बाद में इन्होंने महापौर पद तक सफर किया।
 
आरएन जुत्शी 1922 में डेली कॉलेज में शिक्षक नियुक्त हुए थे। 1966 में आप प्राचार्य के पद पर पद्दोनत हुए। प्रो जुत्शी एक कुशल प्रवन्धक भी थे। एक समय आया कि डेली कॉलेज में छात्र संख्या 120 रह गई। छात्र संख्या कम होने से दिक्कतें आने लगीं। कॉलेज मैनेजमेंट इसे बंद करने का विचार करने लगा। आखिर जुत्शी ने छात्र संख्या वृद्धि और अन्य सुधार का कार्य अपने हाथों में लिया। इस तरह उनके प्रयास से कॉलेज छात्र संख्या 460 तक पहुंच गई। यह जुत्शी के प्रयासों का फल था। डेली कॉलेज में आपके कार्यकाल में पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आए। इस तरह जुत्शी का कॉलेज में भी कार्यकाल स्वर्णिम रहा।
 
नगर निगम में भी जुत्शी का कार्यकाल शानदार रहा। आपके कार्यकाल में इंदौर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रयास किए गए। तत्कालीन शिक्षामंत्री डॉ. शंकरदयाल शर्मा को पत्रों के माध्यम से इसके लिए आग्रह किया था। 1962 में देश के प्रतिरक्षा मंत्री कृष्ण मेनन का नागरिक अभिनंदन रेजीडेंसी उद्यान में एवं महारानी उषादेवी का सम्मान गांधी हॉल में आयोजित किया गया था। जुत्शी कई शैक्षणिक संस्थाओ में सदस्य रहे। इस तरह जुत्शी का चयन और नगर निगम में सेवा भी एक संयोग है। 

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