वर्षभर में आने वाली त्रि-राशियों में से एक होली की रात्रि भी है जिसमें किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र, जाप, पाठ आदि सिद्ध, अक्षुण्ण हो जाते हैं जिनका फल जीवनपर्यंत कर्ता को प्राप्त होता है। प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है एवं एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रसन्नता व्यक्त की जाती है।