किससे बनते हैं प्राकृतिक रंग : रंग पंचमी पर टेसू पलाश, गुलाब की पांखुरियां, कीनू-संतरा के छिलके, पोई, पारिजात, अंबाड़ी, जासवंती, चावल, चंदन, सिंदुरिया के बीज, अनार के छिलके, गुलमोहर, मदार, जामुन, चुकंदर, गेंदा आदि को लेकर रंग बनाए जाते हैं।
1. सूखा रंग : प्राकृतिक रंगों के साथ ही बाजार में सूखा रंग भी मिलता है। जैसे गुलाल, अबीर आदि। सूखे रंगों का अधिक प्रयोग करें। ये रंग आसानी से साफ हो जाते हैं। इन रंगों में पानी का उपयोग भी करेंगे तो कोई खास असर नहीं होगा।
3. चंदन से रंग : एक चुटकी चंदन पावडर को एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बनता है। सूखे लाल चंदन को आप गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुर्ख लाल रंग का पावडर होता है और त्वचा के लिए अच्छा होता है। दो छोटे चम्मच लाल चंदन पावडर लें और उसे 5 लीटर पानी में डालकर उबालें। फिर इसमें 20 लीटर पानी और डालें।
* टेशू के फूलों को रातभर पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह तक पानी का रंग नारंगी हो जाएगा।
* आप सुखे लाल चंदन को लाल गुलाल की तरह उपयोग में ले सकते हैं। दो छोटे चम्मच लाल चंदन पावडर को पांच लीटर पानी में डालकर उबालें।
* जासवंती के फूलों को सुखाकर उसका पावडर बना लें और इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा मिला लें।
* अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी रंग बनाए जा सकते हैं।
* पालक, धनिया और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट पानी में घोलकर गीला हरा रंग बनाया जा सकता है।
* चुकन्दर को किस लें और इसे पानी में रातभर के लिए भिगो दें। इससे गहरा गुलाबी रंग तैयार हो जाएगा।