Holi 2024: 25 मार्च 2024 को रंगवाली होली खेली जाएगी। 100 वर्षों के बाद होली पर चंद्र ग्रहण के साथ ही कुंडली में सूर्य ग्रहण और चंद्र केतु की युति से बना है बलारिष्ट दोष। इन 3 अशुभ योग के चलते यह जानना जरूरी है कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
चंद्र ग्रहण : 25 मार्च 2024 सुबह 10:24 से दोपहर 03:01 तक चंद्र ग्रहण रहेगा। इसके 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ होगा। यानी 24 मार्च को रात्रि को सूतक काल रहेगा।
होली पर क्या करें?
चंद्र मंत्र ॐ सों सोमाय नमः का जाप करें।
शिवजी और चंद्रमा की पूजा करें।
नृसिंह भगवान और श्रीकृष्ण की पूजा करें।
हो सके तो एक समय भोजन करें।
अच्छा सात्विक पकवान बनाकर खाएं।
एक दूसरे को सूखे रंग लगाएं।
इस प्रकार हमें प्रेम और एकता के इस त्योहार को हर्ष और उल्लास के साथ ही मनाना चाहिए।
होली पर क्या न करें?
लड़ाई झगड़ा न करें।
महिलाएं बाल खुले न छोड़ें।
किसी को भी पैसा उधार न दें।
होली पर हुड़दंग न करें और न ही शोर मचाएं।
कीचड़, गोबर, मिट्टी, न छूटने वाला पक्का जहरीला रंग न लगाएं।
होली पर नशा करना और मांस खाने से इस त्योहार की पवित्रता जाती रहती है।
इस अवसर पर गंदे तथा अश्लील हंसी-मजाक भी नहीं करना चाहिए।
टाइटल देते समय हमें दूसरों के आत्म सम्मान का विशेष ध्यान देना चाहिए।
हमें इस त्योहार पर किसी के हृदय को चोट पहुंचाने वाला व्यवहार नहीं करना चाहिए।
इस दिन होलिका दहन में गीले वृक्षों को काटकर आग की भेंट नहीं चढ़ाना चाहिए।
होली पर ग्रहण समाप्ति के बाद घर को शुद्ध करें और दान दें।
होली के दिन बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें।
होली के दिन किसी अन्य के घर पर भोजन नहीं करना चाहिए।
holi festival
अन्य नियम :
मन तथा बुद्धि पर पड़े प्रभाव से लाभ उठाने के लिए जप, ध्यानादि का विधान है।
ग्रहण के समय किए गए जप, यज्ञ, दान आदि का सामान्य की अपेक्षा बहुत अधिक महत्व वर्णित है।
ग्रहण के समय स्त्री प्रसंग से नर-नारी दोनों की नेत्र ज्योति क्षीण हो जाती है।
ग्रहण काल में मन माने आचरण से मानसिक अव्यवस्था और बुद्धि विकार तो होता ही है साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य की भी बड़ी हानि होती है।
ग्रहण आरंभ के 9 घंटे पहले से ग्रहण का सूतक प्रभावी हो जाता है।
उस समय जो घड़े में भरा जल या भोजन रखा हो, वह भी फिर उपयोग करने योग्य नहीं होता।
ग्रहण के समय भोजन आदि करने से अनेक रोग होते हैं। इसीलिए आहार आदि अनेक कार्य वर्जित हैं।
बालक, अशक्त आदि आवश्यकता होने पर आहार ले सकते हैं।