प्रेम और ख़ुशी का प्रतीक है होली, ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल
होली पर न करें भांग व शराब का सेवन
-सरफ़राज़ ख़ान
होली का पर्व प्रेम और ख़ुशी का प्रतीक है और इसको समाज व मन में फैली गंदगी को साफ करने के तौर पर मनाया जाना चाहिए। होली पर लड़ाई-झगड़े, हिंसा और अभद्रता से दूर रहें और इसे प्रेमपूर्वक मनाएं। होली पर स्वास्थ्य संबंधी ध्यान भी रखें।
हरा और नीलापन लिए हुए रसायनयुक्त हरे रंग में मैलासाइट ग्रीन होता है, जो आंख के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऑरामाइन, मिथाइल वॉयलेट, रोडामाइन और ऑरेंज टू सभी फोटोटॉक्सिक रंग हैं और इनसे त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है। रंग में सीसे का इस्तेमाल भी त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है।
रासायनिक डाई की जगह प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। फूल जैसे मैरीगोल्ड, चाइनीज रोज़, बटरफ्लाई पी, फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट आदि से तैयार रंगों को प्रयोग करें।
भांग लेने से मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकता है जिससे आपके व्यवहार में असर संभव है साथ ही दिमागी हालत में भी उल्टा असर होता है।
भांग व शराब का सेवन न करें :-
भांग से दिल की धड़कन और ब्लडप्रेशर भी बढ़ सकता है जिसके लिए आशंकित व्यक्ति बीटा ब्लॉकर प्री-ट्रीटमेंट ले सकते हैं और भांग के पड़ने वाले बुरे प्रभावों से बच सकते हैं। शराब पीने के बाद आप फैसला लेने के काबिल नहीं रह जाते, साथ ही सड़क दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है।
गुब्बारों का प्रयोग न करें :-
गुब्बारों के प्रयोग से आंखों को नुकसान होने के साथ ही सिर में भी जख्म हो सकता है।
होली के दौरान डेट रेप ड्रग्स से भी सावधान रहें और अजनबियों के साथ होली न खेलें।
संवेदनशील अंगों में रंग न डालें, जैसे कि आंख। अगर आंख में रंग पड़ ही जाए तो तुरंत नल से बहते हुए पानी से उसे धो लें, अगर फिर भी आराम न मिले तो जल्द चिकित्सा सुविधा लें।