महानगरों में वैसे ही आवास संबंधी समस्याएँ होना सामान्य बात हैं। इनमें छोटे-छोटे फ्लैट का चलन बहुत बढ़ता जा रहा है। लेकिन ऐसे में अधिक समस्याएँ उन लोगों को होती है, जो दूसरे शहर में बड़े मकान में रहकर आए हो और यहाँ उन्हे छोटे से फ्लैट में गुजारा करना पड़ेगा।
फ्लैट छोटा हो या बड़ा, चाहिए तो सब कुछ, लेकिन यदि आप चाहें तो अपने छोटे से फ्लैट में भी यह सब चीजें आसानी से रख सकती हैं, लेकिन इसके लिए एक प्रापर प्लानिंग की जरूरत है। हम आपको बताते हैं छोटे से फ्लैट को सजाने संबंधी कुछ महत्वपूर्ण बाते -
* भारी दिखने वाले फर्नीचर से बचें, ये कमरे को भरा-भरा लुक देते हैं। फर्नीचर का कद छोटा रखें।
* सोफा एल शेप में रखें, जिससे बाकी दोनों कोने खाली रहेंगे।
* वॉल टू वॉल कार्पेट की जगह सोफे के बीच में कार्पेट बिछाएँ।
* दीवारों का रंग हल्का रखें। गहरे रंग की दीवारें कमरे की सुन्दरता को बिगाड़ देती हैं।
* म्यूजिक सिस्टम, टीवी आदि के लिए हाथ की पहुँच के अन्दर दीवार में शेल्फ बनवाएँ, इससे आपको अलग से स्टैंड रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
* प्रकाश व्यवस्था ऐसी रखें, जिससे आपके कमरे के महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे म्यूजिक सिस्टम, कोने में सजा गुलदान, दीवार पर लगी पेंटिंग इत्यादि हाइलाइट हों।
* छोटे कमरे में लंबे फर्नीचर न रखें।
* छोटे कमरे के लिए वुड फिनिश, रॉट आयरन एवं वुड के संयुक्त फर्नीचर ही खरीदें, ये फर्नीचर कमरे की शोभा बढ़ाते हैं। ज्यादा गहरे रंग के फर्नीचर न रखें।
* मैग्जीन, अखबार आदि के लिए स्टैण्ड बनाएँ।
* कमरे में बहुत बड़ी पेंटिंग न लगाएँ। दीवार के कुछ हिस्से खाली दिखने चाहिए।
* भारी व ऊँचे बैड न बनावाएँ, बैडरूम को गोदाम न बनाएँ।
* बच्चों को सोने के लिए बंक बैड बनवाएँ, यह जगह कम घेरते हैं। बच्चों की स्टडी टेबल फोल्डिंग वाली बनवाएँ जो इस्तेमाल करने के बाद दीवार पर लगाई जा सके। टेबल के भीतरी हिस्से में शेल्फ लगाकर कॉपी-किताबें रखी जा सकती हैं।
इस प्रकार आप इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर अपने छोटे से घर को सँवार सकती हैं। यदि थोड़ी सी समझदारी से काम लिया जाए तो आप भी अपने मनचाहे फर्नीचर से अपना घर भली-भाँति सजा सकती हैं। तो हो जाइए तैयार अपने घर के अनुरूप फर्नीचर खरीदने के लिए।