गरदन का दर्द

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गरदन का दर्द आम समस्या है, यह किसी भी उम्र वाले को हो सकता है। वैसे तो यह गंभीर नहीं होता, लेकिन ध्यान न दिया जाए तो गंभीर रूप धारण कर सकता है।

गर्दन दर्द के कई सामान्य कारण हो सकते हैं, जैसे- लेटकर व ज्यादा टीवी देखना, लम्बे समय तक डेस्क वर्क या पढ़ाई-लिखाई करना, जोर से गरदन को झटका देना, ज्यादा ऊँचे तथा कठोर तकिए का इस्तेमाल करना आदि।

गरदन दर्द का सामान्य उपचार घर पर ही किया जा सकता है। यदि यह गंभीर रूप धारण कर ले तो डॉक्टर की शरण में जाना पड़ सकता है, इसलिए इसे प्राथमिक अवस्था में ही ठीक कर लेना चाहिए।

* गरदन को घ़ड़ी की दिशा में हल्के-हल्के पाँच या दस बार घुमाएँ, फिर यही क्रिया विपरीत दिशा में करें। इसके बाद सिर को ऊपर-नीचे व दाएँ-बाएँ घुमाएँ, ऐसा जब तक सहनीय हो करें।

* गरदन में दर्द होने पर किसी भी तेल से हलके-हलके मालिश करें या करवाएँ। मालिश हमेशा ऊपर से नीचे की ओर ही करें, यानी गरदन से कंधे की ओर करें।

* मालिश के बाद गर्म पानी की थैली से या कांच की बोतल में गर्म पानी भरकर सिकाई करें। सिकाई के बाद तुरंत खुली हवा में न जाएँ, न ही कोई ठंडा पेय पिएँ।

* लेटकर टीवी न देखें, ज्यादा समय टीवी देखना हो तो बीच-बीच में उठकर टहल लें। इसी प्रकार पढ़ाई-लिखाई व डेस्क वर्क करते समय करें।

* नर्म व कम ऊँचाई वाला तकिया प्रयोग करें। आपका बिस्तर समतल हो, झूलेनुमा न हो।

यदि फिर भी दर्द से छुटकारा न मिले तो डॉक्टर से जाँच कराएँ। बगैर डॉक्टरी सलाह के कोई भी दर्द निवारक दवा न लें। फिजियोथेरेपिस्ट के बताए अनुसार ही गरदन का व्यायाम करें।

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