अपने पहले दो मैच में करारी हार झेलने के बाद सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी पाकिस्तान और बांग्लादेश की टीम गुरुवार को यहां होने वाले ग्रुप ए के मैच में जब आमने-सामने होगी तो उनका लक्ष्य चैंपियंस ट्रॉफी के अपने अभियान का जीत के साथ अंत करना होगा।चैंपियंस ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में गलतियों के लिए बहुत कम गुंजाइश होती है लेकिन मेजबान पाकिस्तान ने पहले दोनों मैच में लचर प्रदर्शन किया तथा न्यूजीलैंड और भारत से करारी हार झेलने के बाद उसका अपनी धरती पर चैंपियन बनने का सपना चकनाचूर हो गया।
यही कहानी बांग्लादेश की रही जिससे इन दोनों टीमों के बीच होने वाला मैच औपचारिक रह गया है। इस मैच में अब दोनों टीम प्रतिष्ठा की खातिर एक दूसरे का सामना करेंगी।पाकिस्तान 29 साल बाद किसी वैश्विक प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है लेकिन टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब देश के क्रिकेट ढांचे में आमूल चूल बदलाव करने की मांग उठ रही है।
यह लगातार तीसरा अवसर है जबकि पाकिस्तान सीमित ओवरों की क्रिकेट के किसी वैश्विक प्रतियोगिता के पहले दौर में बाहर हो गया। इससे पहले 2023 में वनडे विश्व कप और 2024 में टी20 विश्व कप में भी पाकिस्तान की टीम पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाई थी।
ऐसे समय में जबकि अन्य टीम बेखौफ और आक्रामक रवैया अपना रही है तब लगता है कि पाकिस्तान अतीत में जी रहा है। उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज बेहद रक्षात्मक रवैया अपना रहे हैं। अपने बल्लेबाजों के इस तरह के रवैए के कारण पाकिस्तान की टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ रावलपिंडी में 161 और भारत के खिलाफ दुबई में 147 ऐसी गेंद खेली जिन पर रन नहीं बने।
बल्लेबाजों के गलत शॉट का चयन, खराब क्षेत्र रक्षण और खिलाड़ियों के चोटिल होने से भी पाकिस्तान की परेशानियां बढ़ी। उसके सलामी बल्लेबाज फखर जमां चोट के कारण बाहर हो गए और उनकी जगह टीम में लिए गए इमाम उल हक प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।पाकिस्तान की बल्लेबाजी का मुख्य आधार बाबर आजम और कप्तान मोहम्मद रिजवान हैं लेकिन यह दोनों अभी तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। बाबर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अर्धशतक लगाया था लेकिन उन्होंने बेहद धीमी बल्लेबाजी की जिसके लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई।
गेंदबाजी में पाकिस्तान का भरोसा अपने तेज गेंदबाजों पर था लेकिन उसके तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी, नसीम शाह और हारिस रऊफ कमजोर और अप्रभावी दिख रहे हैं।टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान और दुबई में किया जा रहा है जहां की पिच धीमी गति के गेंदबाजों के लिए अनुकूल होती हैं। यह जानते हुए भी पाकिस्तान ने अबरार अहमद के रूप में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर चुना। इसके लिए चयन समिति की कड़ी आलोचना भी हो रही है।
पिछली बार चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाला बांग्लादेश भी भारत और न्यूजीलैंड से हार के बाद सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका है।पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने भी अभी तक निराश किया है। उसके बल्लेबाजों में केवल तौहीद हृदोय, कप्तान नजमुल हसन और जाकर अली ही थोड़ा प्रभाव छोड़ पाए हैं।गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में भी बांग्लादेश का प्रदर्शन औसत रहा है।(भाषा)