पहला अंतर : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींचकर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोलकर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है, क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है, उस समय प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।
जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोलकर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।
दूसरा अंतर : 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं, वे ध्वजारोहण करते हैं क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते हैं, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना संदेश राष्ट्र के नाम देते हैं। जबकि 26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन ऐसा कुछ नहीं होता।
छठा अंतर : 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन समारोह में मुख्य अतिथि आते हैं। जबकि स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा नहीं होता है।