Tokyo Olympics: कौन है ये कमलप्रीत कौर, जिन्होंने डिस्कस थ्रो के फाइनल में पहुंचकर बढ़ाया देश का मान
शनिवार, 31 जुलाई 2021 (11:11 IST)
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। शनिवार को डिस्कस थ्रो में कलमप्रीत कौर ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की। कमलप्रीत कौर ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सभी जीत लिखा। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने क्वालीफायर में 64 मीटर की दूरी तय चक्का फेक फाइनल के इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया।
पटियाला की रहने वाली है कमलप्रीत
कमलप्रीत कौर का जन्म पंजाब के पटियाला में हुआ था। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली 25 वर्षीय एथलीट ने टोक्यो 2020 में पूरे देश का नाम रोशन किया। बता दें कि, बचपन से ही कमलप्रीत कौर का पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं था और उनका पूरा ध्यान खेल की तरह रहता था। अपने स्कूल के पीटी टीचर के कहने पर उन्होंने एथलेटिक्स की तरफ ध्यान दिया और उसमें अपना करियर बनाया।
साल 2012 में उन्होंने एथलेटिक्स में भाग लिया और पहली स्टेट मीट में उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया। पटियाला में आयोजित 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उम्दा खेल का प्रदर्शन किया। उस दौरान पहली बार में ही उन्होंने 65.06 मीटर चक्का फेंककर टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफिकेशन हासिल किया। ख़ास बात यह रही कि, यह उनका पहला और एकमात्र प्रयास ही रहा।
नेशनल रिकॉर्ड किया अपने नाम
25 वर्षीय कमलप्रीत ने नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए 63.50 मीटर के ओलंपिक योग्यता अंक को पीछे छोड़ दिया। 2012 में कृष्णा पुनिया के 64.76 मीटर का रिकॉर्ड बनाया, जिसे कमलप्रीत ने तोड़कर अपने नाम किया।
2014 में कमलप्रीत ने गंभीरता से डिस्कस थ्रो को लेना शुरू किया था। अपने ही गांव में उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में प्रारंभिक ट्रेनिंग लेनी शुरू की। 2016 में अंडर-18 और अंडर-20 में उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। 24वें सीनियर फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 65 मीटर चक्का फेंककर नया रिकॉर्ड अपने नाम पर दर्ज किया था। वह इस स्पर्धा में 65 मीटर बाधा पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी।
रेलवे में इस पद पर है नियुक्त
कमलप्रीत कौर भारतीय रेलवे में क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रेलवे की तरफ से खेलती हैं। वह सीमा पुनिया को अपना आदर्श मानती है।